अब के सौदा तो मिरे सर से बहुत आगे था क्या इरादा किसी पत्थर से बहुत आगे था आप को कैसे ख़बर हो गई जलने की मिरे आप का घर तो मिरे घर से बहुत आगे था वो तो कहिए कि निगाहें नहीं लौटीं वर्ना एक मंज़र पस-ए-मंज़र से बहुत आगे था आप ने प्यास की शिद्दत नहीं देखी वर्ना एक इक क़तरा समुंदर से बहुत आगे था जाने किस वादी-ए-ख़ामोश में रू-पोश हुआ हाँ वही शख़्स जो लश्कर से बहुत आगे था इक अजब डर मिरी रग रग में समाया था 'शमीम' एक एहसास मगर डर से बहुत आगे था