अब तुझे है न इख़्तियार मुझे ज़िंदगी हूँ तिरी गुज़ार मुझे रास आई तिरी उदासी तुझे आ गया तेरा ए'तिबार मुझे पैरहन हूँ तिरी उदासी का इस तरह कर न तार तार मुझे हम-सफ़र तो पलट गया लेकिन रास्ता दे गया ग़ुबार मुझे लम्हा लम्हा बसर हुई हूँ मैं अब किसी तौर कर शुमार मुझे