अगरचे ज़ौक़-दान में बड़े कथन भी हैं यहीं तख़य्युलात के हुए निधन भी हैं अक़ीदतें सँभालना तुम्हें पता नहीं कि वक़्त के ख़ुदाओं में कमीने-पन भी हैं बताओ ना-मुराद के अजीब शौक़ हैं रिझाए हैं कि चूम लो मिरे चरण भी हैं मिरे अजीब ख़ब्त पे मुबाहिसे न कर बहुत सी मख़्लूक़ात तो इशारतन भी हैं मैं अपने जिल्द-साज़ के कहेनुसार हूँ जो बे-लिबास हैं मियाँ वो बे-बदन भी हैं ये मो'जिज़ात क्या खुलेंगे मुझ हक़ीर से 'क़मर' की बात छोड़िए कई गगन भी हैं