ऐ जान मिरे दिल को दुखाना नहीं अच्छा मैं दर्द रसीदा हूँ सताना नहीं अच्छा करते हो सितम हम पे रक़ीबों से मोहब्बत हम जान गए दिल का लगाना नहीं अच्छा था सुब्ह को ये वा'दा कि हम शब को मिलेंगे सो अब तलक आते हो बहाना नहीं अच्छा फ़ुर्क़त में तड़पता है पड़ा हाए ये 'बे-गुन दिल ले के सनम राह बताना नहीं अच्छा