अंधेरे नापना मुश्किल नहीं है मगर सूरज का इतना दिल नहीं है सितारे टूट कर गिरते हैं कैसे ज़मीं इस बात से ग़ाफ़िल नहीं है गिरा है मेरे दामन पे जो आँसू वो मेरी ज़ीस्त का हासिल नहीं है न जाने किस के हाथों क़त्ल ठहरा वो ज़ालिम है मगर क़ातिल नहीं है जिसे 'शाइस्ता' तू ने तोड़ डाला मैं कहती हूँ वो मेरा दिल नहीं है