अपने क्या बेगाने क्या थे By Ghazal << नींदें मेरी उड़ा देते हैं ये दर्द रहे दिल में ये ज़... >> अपने क्या बेगाने क्या थे रिश्तों के पैमाने क्या थे अलबेले वो ज़माने क्या थे ख़ामोशी के तराने क्या थे दर्द भी वो अनजाने क्या थे बिन देखे दीवाने क्या थे सब कुछ उन पर नज़्र करेंगे हाथों में नज़राने क्या थे शम्अ बन कर पिघल रहे थे उन के हम परवाने क्या थे Share on: