अपने बिछड़े हुए यारों की तरफ़ जाते हुए हैं सभी लोग मज़ारों की तरफ़ जाते हुए कहकशाएँ मिरी मिट्टी की तरफ़ आती हुईं मिरे ज़र्रात सितारों की तरफ़ जाते हुए हम निकल आए हैं ख़ुद अपने ही साहिल के क़रीब तिरे बहते हुए धारों की तरफ़ जाते हुए कैसा हंगामा बपा है कि मिरे शहर के लोग ख़ामुशी ढूँढने ग़ारों की तरफ़ जाते हुए वो भी दरिया में ठहरने का नहीं आज की शब हम भी अन-देखे किनारों की तरफ़ जाते हुए