अपने दिल का हाल सुनाना कम से कम आँखों में आँसू भी लाना कम से कम मिलने वाली चीज़ें ख़ुद मिल जाती हैं अपने दामन को फैलाना कम से कम दिल के रिश्ते धन-दौलत पर भारी हैं दुनिया के दस्तूर निभाना कम से कम रहज़नों बे-शक से तुम लूटो घर मेरा पर सपनों में सेंध लगाना कम से कम ज़्यादा झुकने पर पगड़ी गिर सकती है दरबारों में शीश झुकाना कम से कम ज़्यादा से ज़्यादा सुनाना सब के मन की अपने बारे में बतलाना कम से कम