अपने पराए सब से निभाता है किस तरह लोगों के साथ पेश तू आता है किस तरह गहरी किसी भी नींद से अच्छा है जागना सोया हुआ ज़मीर जगाता है किस तरह हम वक़्त को परखने से पहले ये देख लें ये वक़्त हम को पाठ पढ़ाता है किस तरह बे-शक तू कर सवाल तिरी ज़िंदगी है पर तू ज़िंदगी का साथ निभाता है किस तरह उस को गले लगाने से पहले ये देखना वो शख़्स तुम से हाथ मिलाता है किस तरह