अता हुई किसे सनद नज़र नज़र की बात है हुआ है कौन नाम-ज़द नज़र नज़र की बात है गुल ओ सितारा ओ क़मर सभी हसीन हैं मगर है कौन इन में मुस्तनद नज़र नज़र की बात है इज़ाफ़ी ए'तिबार है तअय्युन-ए-मक़ाम भी है पस्त भी बुलंद-क़द नज़र नज़र की बात है बुरे भले में फ़र्क़ है ये जानते हैं सब मगर है कौन नेक कौन बद नज़र नज़र की बात है ज़मीं अगरचे बिस्तर-ए-गुल-ओ-समन भी है मगर किसी को है यही लहद नज़र नज़र की बात है कोई चले तमाम उम्र कोई सिर्फ़ दो क़दम कहाँ है मंज़िलों की हद नज़र नज़र की बात है