अज़ीज़ों की इनायत भी सज़ा मालूम होती है ये बरसों की रिफ़ाक़त भी सज़ा मालूम होती है किसी के लौट आने के बहुत से ख़्वाब देखे थे मगर अब तो मोहब्बत भी सज़ा मालूम होती है मिरे अंदर सभी मौसम हैं गोया दर्द के मौसम जो अब थोड़ी शिकायत भी सज़ा मालूम होती है अमीर-ए-शहर ने जब से ग़रीब-ए-शहर को लूटा हमें अपनी मशिय्यत भी सज़ा मालूम होती है गुनाहों ने मुझे जकड़ा हुआ है इस तरह 'तन्हा' कि लहज़ा-भर इबादत भी सज़ा मा'लूम होती है