बात जो तुम को सिखाई है पुरानी कहना लोग कुछ भी कहें तुम आग को पानी कहना नौजवाँ बोझ जो ग़ैरों को उठाए हँस कर दोस्तो उस की जवानी को जवानी कहना मैं मुसव्विर तो नहीं हूँ कि कमाल आ जाए अपनी तस्वीर को तस्वीर सुहानी कहना किस तरह तुम ने किया राह-ए-मोहब्बत का सफ़र लौट आओ तो हमें अपनी कहानी कहना चोट महबूब के हाथों लगे कोई 'जौहर' तुम इसे प्यार की अनमोल निशानी कहना