बहुत हो या ज़रा सा माँगने दो मुझे भी अपना हिस्सा माँगने दो अंधेरों से अगर लड़ना है लाज़िम तो जुगनू भर उजाला माँगने दो भरम खुल जाएगा उस के भरम का ख़ुशी का एक लम्हा माँगने दो ख़ुदा क्या है दिखा दूँगा तुम्हें भी किसी पत्थर से चेहरा माँगने दो ज़रूरत है मुझे भी हम-सफ़र की हवा से इक बगूला माँगने दो बहुत नादान लगता है मुसाफ़िर उसे सहरा से दरिया माँगने दो 'असर' मंजधार में चलता हूँ मैं भी कहीं से एक तिनका माँगने दो