भला कश्कोल के आगे ये कासा कौन करता है हो दिल अपना तो फिर दूजे की आशा कौन करता है यहाँ हम हैं भरे बैठे वहाँ उन को भी ग़ुस्सा है चलो फिर देखते हैं अब तमाशा कौन करता है तुम्हारा प्यार है न जो सुनो रत्ती बराबर है ये ख़ुद ही देख लो तोले को माशा कौन करता है सुना है दोनों ही इक दूसरे से प्यार करते हैं चलो फिर देखते हैं बे-तहाशा कौन करता है ये हम ही थे जो सब कुछ भूल कर फिर दिल लगा बैठे भला सोचो तमाशे पर तमाशा कौन करता है कभी आँखें कभी गेसू कभी अबरू बनाते हो 'रज़ी' तुम जानते हो बुत तराशा कौन करता है