ब-हर-तरीक़ उसे मिस्मार करते रहना है कभी सुख़न तो कभी वार करते रहना है दरों के वास्ते दीवार चाहिए जानाँ सो फ़र्श-ए-ख़्वाब को दीवार करते रहना है सहर के मार्का-ए-नेक-ओ-बद से क्या मतलब हमारा काम तो बेदार करते रहना है वो एक दर्द जो सैक़ल नहीं हुआ अब तक उसी को आइना-ए-यार करते रहना है यही है विरसा-ए-शब्बीर का चलन 'अरशद' कि हर यज़ीद से इंकार करते रहना है