भूले से कभी ले जो कोई नाम हमारा मर जाए ख़ुशी से दिल-ए-नाकाम हमारा ले जाती है उस सम्त हमें गर्दिश-ए-दौराँ ऐ दोस्त ख़राबात से क्या काम हमारा कर लेते हैं तख़्लीक़ कोई वज्ह-ए-अज़िय्यत भाता नहीं ख़ुद हम को भी आराम हमारा ऐ गर्दिश-ए-दौराँ ये कोई सोच की रुत है कम-बख़्त अभी दौर में है जाम हमारा इस बार तो आया था इधर क़ासिद-ए-जाँ ख़ुद सरकार को पहुँचा नहीं पैग़ाम हमारा पहुँचाई है तकलीफ़ बहुत पहले ही तुझ को ऐ राह-नुमा हाथ न अब थाम हमारा ऐ क़ाफ़िला-ए-होश गँवा वक़्त न अपना पड़ता नहीं कुछ ठीक अभी गाम हमारा देखा है हरम तेरा मगर हाए-रे ज़ाहिद महका हुआ वो कूचा-ए-असनाम हमारा ग़िलमान भी जन्नत के बड़ी चीज़ हैं लेकिन तौबा मिरी वो साक़ी-ए-गुलफ़ाम हमारा गुल नौहा-कुनाँ ओ सनम-ए-दस्त-ब-सीना अल्लाह ग़नी! लम्हा-ए-अंजाम हमारा कर बैठे हैं हम भूल के तौबा जो सहर को शीशे को तआ'क़ुब है सर-ए-शाम हमारा मय पीना 'अदम' और क़दम चूमना उन के है शग़्ल यही अब सहर-ओ-शाम हमारा