चारों अतराफ़ यगाना मैं हूँ जिसे देखा यही जाना मैं हूँ मुझ से मिलने को चले आते हैं लोग कहते हैं ज़माना मैं हूँ तुम मुझे सोचते रहते हो बहुत इस का मतलब है फ़साना मैं हूँ मुझे वहशत से कोई ख़ौफ़ नहीं दश्त की सम्त रवाना मैं हूँ उसे कहना कि चला आए यहाँ उस को जाकर ये बताना मैं हूँ डरना बनता ही नहीं उस का 'सुहैब' अपनी हैरत का निशाना मैं हूँ