चैन वो इश्क़ में पाए हैं कि जी जानता है दर्द दुख भी वो उठाए हैं कि जी जानता है याद आती हैं जवानी की बहारें अब तक वो मज़े हम ने उड़ाए हैं कि जी जानता है हाँ दुआ भी कभी ली होगी किसी के दिल की तुम ने दिल भी वो दुखाए हैं कि जी जानता है वो लजाते हुए शरमाते हुए बज़्म में आज इस तरह सामने आए हैं कि जी जानता है हाँ कलेजे भी किए होंगे किसी के ठंडे तुम ने जी भी वो जलाए हैं कि जी जानता है छिड़ गई बहस खुली उन पे जो दिल की चोरी इस तरह आँख चुराए हैं कि जी जानता है ग़ैर तो ग़ैर ही हैं इश्क़ में देखा सब को अपने भी ऐसे पराए हैं कि जी जानता है आप के प्यार से अग़्यार ने क्या क्या न किया वो वो तूफ़ान उठाए हैं कि जी जानता है रख के अग़्यार पे महफ़िल में वो तान ओ तशनीअ' इस तरह मुझ को सुनाए हैं कि जी जानता है 'लुत्फ' हम उस बुत-ए-सफ़्फ़ाक के कूचे से आज बच कर इस तरह से आए हैं कि जी जानता है