चलो पी लें कि यार आए न आए ये मौसम बार बार आए न आए हम उस की राह देखेंगे हमेशा वो जान-ए-इंतिज़ार आए न आए ये सोचा है कि उस को भूल जाएँ अब इस दिल को क़रार आए न आए गुलाबों की तरह तुम ताज़ा रहना ज़माने में बहार आए न आए 'ज़मीर' इस ज़िंदगी से क्यों ख़फ़ा हो उसे फिर तुम पे प्यार आए न आए