चुभ गया दिल में ख़ार की सूरत वो जो रहता था यार की सूरत उलझनें दर्द आबला-पाई ज़िंदगी कोहसार की सूरत कौन आएगा इस ख़राबे में रंग ख़ुशबू बहार की सूरत लाख चाहा मगर नहीं निकली क़ैद-ए-ग़म से फ़रार की सूरत वक़्त है वो हर एक सीने पर ख़ौफ़ बैठा है मार की सूरत अब ठहरता कहाँ है महवर पर आदमी है ग़ुबार की सूरत होश-मंदों के शहर में भटके हम 'शराफ़त' गंवार की सूरत