दाम देखे न नाम देखा है हम ने बस अपना काम देखा है शहर का शहर बन गया जंगल आप का इंतिज़ाम देखा है जो ब-ज़ाहिर नज़र नहीं आता हम ने वो क़त्ल-ए-आम देखा है गर्दिश-ए-सुब्ह-ओ-शाम क्या देखें उस का तर्ज़-ए-ख़िराम देखा है ज़हमत-ए-रहनुमाई मत कीजे हम ने अपना मक़ाम देखा है उस ने देखा है कब मिरी जानिब अज़-रह-ए-इंतिक़ाम देखा है तुम ने देखा नहीं है 'यूनुस' को ताइर-ए-ज़ेर-ए-दाम देखा है