बे-शमारो मेरे यारो अलविदा'अ मुर्ग़-ज़ारो चाँद तारो अलविदा'अ मैं चला आराम करने कुछ घड़ी बे-सुकूनो बे-क़रारो अलविदा'अ अब रहूँगा नफ़रतों के शहर में चाहतों के दा'वे-दारो अलविदा'अ ख़ूब गुज़री जो भी गुज़री साथ में ग़म के मारो रिश्ता-दारो अलविदा'अ ऐ मिरी हर रात के हम-राहियो ऐ सितारो ग़म-गुसारो अलविदा'अ मौज ने अब साहिलों के दरमियाँ फेंक डाला ऐ किनारो अलविदा'अ रात की आग़ोश है और हिज्र है होश के उलझे मदारो अलविदा'अ लो मुबारक हो तुम्हें ये बज़्म अब बस करो अब मत पुकारो अलविदा'अ साज़ नग़्मा जाम बज़्म-ए-दोस्ताँ ज़ीस्त के झूटे सहारो अलविदा'अ रक़्स-ए-'दानिश' फ़िक्र के दरबार में ऐ जुनूँ के ठेकेदारो अलविदा'अ