दर्द-ए-तन्हाई अलग है शादमानी है अलग मेरा क़िस्सा और है उन की कहानी है अलग एक है मौसम ख़िज़ाँ का एक है फ़स्ल-ए-बहार दौर-ए-पीरी है अलग अहद-ए-जवानी है अलग जाम-ए-सहबा में कहाँ ऐसा मज़ा है साक़िया तेरी आँखों की शराब-ए-अर्ग़वानी है अलग हश्र में पेश-ए-ख़ुदा खुलते हैं सब ऐब-ओ-हुनर दूध का दूध और है पानी का पानी है अलग वो है मैदान-ए-जज़ा ये आज़माइश की जगह दार-ए-उक़्बा और है दुनिया-ए-फ़ानी है अलग हुक्म का सिक्का चलाना मुल्क में है और बात मुल्क वालों के दिलों पर हुक्मरानी है अलग