दर्द का और मेरे दिल में सिवा हो जाना उस का सीने से मिरे लग के जुदा हो जाना इशरत-ओ-नाज़ की कसरत में फ़ना हो जाना दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना मेरे जीने से अगर कोई ख़फ़ा होता है मुझ को लाज़िम है मोहब्बत में फ़ना हो जाना ये भी मुमकिन है मैं जीने से ख़फ़ा हो जाऊँ है बुरी बात तिरा मुझ से ख़फ़ा हो जाना मेरी तक़दीर में लिक्खा था यही ऐ 'इक़बाल' अपनी नाकाम मोहब्बत में फ़ना हो जाना