दर्द का शहर है अरमान की बातें कर लें सारे रौंदे हुए इंसान की बातें कर लें ग़म-ओ-आलाम की लिक्खी है कहानी हम ने बज़्म-ए-अहबाब में उन्वान की बातें कर लें ख़ुद-ग़रज़ लोगों में हातिम को कहाँ ढूँडें हम कू-ए-इफ़्लास में इम्कान की बातें कर लें नफ़-ओ-नुक़्साँ से सरोकार नहीं है हम को ख़ादिम-ए-ख़ल्क़ हैं एहसान की बातें कर लें मुंसिफ़-ए-वक़्त अगर खो गया तारीकी में तारों की छाँव में मीज़ान की बातें कर लें आज महफ़िल में चले आए हैं 'जामी' कैसे उन से हम वक़्त के बोहरान की बातें कर लें