दर्द करता है सफ़र आँख के अंदर की तरफ़ अश्क गिरते हैं मगर आँख के अंदर की तरफ़ जिस से कुछ लोग गुज़रते हैं सर-ए-क़रिया-ए-जाँ कहीं खुलता है वो दर आँख के अंदर की तरफ़ दिल के पाताल में सौ दर्द नज़र आएँगे झाँक कुछ और मगर आँख के अंदर की तरफ़ तू ने मिज़्गाँ पे जहाँ नाम लिखा देखा था उसी कूचे में है घर आँख के अंदर की तरफ़ मेरे दिल से वो कभी जा नहीं सकता बाहर कोई आ जाए अगर आँख के अंदर की तरफ़ जा निकलती है किसी ओर जहाँ में 'तारिक़' दिल की इक राहगुज़र आँख के अंदर की तरफ़