दर्द पुर्सिश से सिवा होता है By Ghazal << तड़प रही है ज़मीं अपनी सं... तय ही कब हम ने किया था कि... >> दर्द पुर्सिश से सिवा होता है यही अंजाम-ए-वफ़ा होता है उठ के जाया न करो गुलशन से हम से हर फूल ख़फ़ा होता है उन की यादों की जब आती है बहार ज़ख़्म-ए-दिल और हरा होता है आप कहते हैं हमें भूल गए आप के कहने से क्या होता है Share on: