दरीचे में सितारा जागता है मिरा कमरा भी सारा जागता है समुंदर और माँझी सो गए हैं समुंदर का किनारा जागता है शिकारी घात में बैठे हुए हैं सरासीमा चिकारा जागता है अजब बेचैनियाँ फैली हुई हैं कि शब भर शहर सारा जागता है तुम्हें मिल जाए तो उस को बताना कोई क़िस्मत का मारा जागता है थके हारे मुसाफ़िर सो गए हैं फ़क़त क़ुत्बी सितारा जागता है