दे सको तो ज़िंदगानी दो मुझे लफ़्ज़ तो मैं हूँ मआ'नी दो मुझे खो न जाए मुझ में इक बच्चा है जो यूँ करो कोई कहानी दो मुझे हम-ज़बाँ मेरा यहाँ कोई नहीं लाओ अपनी बे-ज़बानी दो मुझे है हवा दरकार मेरी आग को कब कहा उस ने कि पानी दो मुझे एक मंज़िल ने तो 'दानिश' ये कहा रास्तों की कुछ निशानी दो मुझे