धूप में जैसे कुहासा इक तसव्वुर आप का है हसीं झोंका हवा का इक तसव्वुर आप का ज़ेहन में आ कर कहीं से गुदगुदाने लग गया देख कर मुझ को रूवाँसा इक तसव्वुर आप का सीढ़ियाँ कितनी भी चढ़ लूँ भूल जाने की भले साँप है निनानवे का इक तसव्वुर आप का ये नहीं हो तो ख़लिश है और हो तो भी ख़लिश दर्द है लेकिन दवा सा इक तसव्वुर आप का रात-दिन पीछे लग रहता है साया सा मिरे बे-तहाशा बद-हवासा इक तसव्वुर आप का गो हक़ीक़त ख़्वाहिशों पर मुँह चिढ़ाती है मगर है हक़ीक़त पर तमाचा इक तसव्वुर आप का