ढूँड कर प्यार के गुहर लाना दिल की गहराई से न डर जाना फूल बन कर न इतना इतराना जाने किस दिन पड़े बिखर जाना देख कर वो ख़ुद अपना आईना अपनी सूरत न आप पहचाना दिल की धरती के ख़ुश्क होंटों पर प्यार की एक बूँद बरसाना देखिए मेरे दिल के साग़र में ग़र्क़ है ज़िंदगी का मय-ख़ाना की रक़म ख़ून से ग़ज़ल तुम ने 'राज' लाए हो ख़ूब नज़राना