दिल हो गया उदास तो बहलाने आ गए ऐ शम्अ तेरे कूचे में परवाने आ गए जैब-ओ-गरेबाँ चाक हैं दामन है तार तार दश्त-ए-जुनूँ में शान से दीवाने आ गए दामन हमारा आज भी काँटों से भर गया गुलशन के रास्ते में भी वीराने आ गए आते ही रहगुज़ार-ए-जुनूँ में मक़ाम-ए-होश दीवाने अहल-ए-होश को समझाने आ गए 'शबनम' थे अजनबी से हमीं उन की बज़्म में उन की नज़र कहे थी कि बेगाने आ गए