दिल हुआ बेज़ार अब आएगा कौन उठ गई दीवार अब आएगा कौन बाद-ए-सरसर बर्ग-ओ-गुल सब ले उड़ी मिट गया गुलज़ार अब आएगा कौन जिन को अपने ख़ून से सींचा था वो हो गए अग़्यार अब आएगा कौन हाए रे दिल की ही दिल में रह गई हसरत-ए-दीदार अब आएगा कौन तेज़ है बरसात और आँधी की भी तेज़-तर रफ़्तार अब आएगा कौन जिन से उम्मीद-ए-वफ़ा क़ाएम थी वो रह गए उस पार अब आएगा कौन सहन में हों मुंतज़िर अब किस लिए ऊँची है दीवार अब आएगा कौन ऐ 'अना' किस पर भला कीजे यक़ीं बिक गए ग़म-ख़्वार अब आएगा कौन