दिल जला कर गया तो गया अब कहाँ अब नहीं लग रहा दिल मिरा इस जहाँ बिन तिरे अब सुकूँ आयेगा कब मुझे अब तिरा ग़म मुझे ले चला है कहाँ दिल लगा कर बता मिल गया अब सुकूँ कब रहा बा-वफ़ा रह गया बस गुमाँ कब सदा रह सका वो मिरा दिल-रुबा कर गया वो मिरा इक नया सा ज़ियाँ बुझ रहा है दिया ऐ मिरे हम-नवा सुन सदा अब मिरी आएगा कब यहाँ साथ तेरे 'जमाली' सलामत रहें मेरी ये आजिज़ी मेरा नाम-ओ-निशाँ