दिल में गर रौशनी नहीं होगी By Ghazal << हाल-ए-दिल लाख तिरा उन को ... ज़ख़्म-ए-दिल-गीर को लहू क... >> दिल में गर रौशनी नहीं होगी शेर में ज़िंदगी नहीं होगी आप भी हो चले हैं जाह-पसंद आप से दोस्ती नहीं होगी ख़्वाहिशें सब निकाल दीं दिल से अब तो शर्मिंदगी नहीं होगी आप ऐवान में भी कुछ न कहें यूँ नुमाइंदगी नहीं होगी Share on: