दिल मोहब्बत मकान है गोया आरज़ू का जहान है गोया ख़ाक में मिल चुके हम और इस को आज तक भी गुमान है गोया मेरे आज़ार देने को वो शोख़ दूसरा आसमान है गोया खोल दे मुँह ख़ुमों के पीर-ए-मुग़ाँ आज ही इम्तिहान है गोया पाँव आगे न उठ सके वाँ से उस गली का निशान है गोया तेरी तस्वीर क्यूँ न बोल उठे इस में आशिक़ की जान है गोया तेरा चुप चुप ये बैठना 'सालिक' इक तरह का बयान है गोया