एक चेहरा गुमाँ में रहता है बादलों के जहाँ में रहता है हम तो पगडंडियों के राही हैं और वो कहकशाँ में रहता है इश्क़ की इक यही ख़राबी है हर घड़ी इम्तिहाँ में रहता है सिर्फ़ उस की तलाश है मुझ को और वो आसमाँ में रहता है गाँव का हुस्न देखिए साहिब चाँद कच्चे मकाँ में रहता है