एक जानिब तो तेरी ज़ुल्फ़ खुली जाती है दूसरी सम्त मेरी अक़्ल उड़ी जाती है ऐसा लगता है मिरी जान निकल जाएगी रूठ कर मुझ से तू जिस वक़्त चली जाती है रब ने मख़्लूक़ बनाई थी जो सब से बेहतर हाए आपस में वो लड़ लड़ के मरी जाती है आप ने झेला है लोगों का बहिष्कार फ़क़त सच के कहने पे तो गर्दन भी चली जाती है आप ज़िद्दी हैं मगर दिल के बहुत हैं अच्छे बात जो कहने की है वो तो कही जाती है