इक झलक पाने का हर शख़्स तमन्नाई है दिल-नशीं ख़ूब तिरा जल्वा-ए-ज़ेबाई है बस यही सोच के मैं करता नहीं तेरा गिला तेरी रुस्वाई में शामिल मिरी रुस्वाई है जब भी रोता हूँ अकेले में सुकूँ पाता हूँ मेरा ग़म बाँटने वाली मिरी तन्हाई है लोग दुनिया की तरफ़ भाग रहे हैं लेकिन उन को मालूम नहीं है कि वो हरजाई है