इक क़बीले से हैं लेकिन रंग-ओ-नक़्शा और है और है काँटों की दुनिया गुल की दुनिया और है इश्तिराक-ए-फ़िक्र हो कैसे हमारे दरमियाँ तेरी ख़्वाहिश और है मेरी तमन्ना और है और ही मंज़र है दुनिया का सर-ए-तूर-ए-नज़र चश्म-ए-दिल के सामने लेकिन तमाशा और है आरज़ू के बहर-ओ-दरिया की कहानी क्या कहूँ इस का साहिल और है इस का किनारा और है देखना तूफ़ान में घिर कर न रह जाए कहीं नाख़ुदा ये आरज़ुओं का सफ़ीना और है अब बदलना ही पड़ेगा ये तरीक़-ए-ज़िंदगी अब मिरी जाँ सूरत-ए-हालात-ए-दुनिया और है दुश्मनों का हाथ इस में है न यारों का क़ुसूर इन्क़िता-ए-दोस्ती का शाख़साना और है ज़िंदगी के मोड़ पर 'शाहिद' मिलें फिर किस तरह उस का रस्ता मुख़्तलिफ़ है मेरा रस्ता और है