एक रहने से यहाँ वो मावरा कैसे हुआ सब से पहला आदमी ख़ुद से जुदा कैसे हुआ तेरे बारे में अगर ख़ामोश हूँ मैं आज तक फिर तिरे हक़ में किसी का फ़ैसला कैसे हुआ इब्तिदा में कैसे सहरा की सदा समझी गई आख़िरश सारा ज़माना हम-नवा कैसे हुआ चंद ही थे लोग जिन के सामने की बात थी मैं ने उन लोगों से ख़ुद जा कर सुना कैसे हुआ जब कि साबित हो चुका नुक़सान होने का 'मलाल' फ़ाएदा क्या सोचने से क्यूँ हुआ कैसे हुआ