एक रिश्ता दर्द का है मेरे उस के दरमियाँ फिर भी कितना फ़ासला है मेरे उस के दरमियाँ मेरे उस के दरमियाँ यूँ ही रहेंगी रंजिशें कोई जब तक तीसरा है मेरे उस के दरमियाँ बात हम दोनों की है हम ख़ुद निमट लेंगे कभी क्यों ज़माना बोलता है मेरे उस के दरमियाँ कल तलक थे साथ हम इक दूसरे के और आज मुद्दतों का फ़ासला है मेरे उस के दरमियाँ छोटी-मोटी रंजिशें हैं ख़ुद-ब-ख़ुद मिट जाएँगी और अभी बिगड़ा ही क्या है मेरे उस के दरमियाँ उस को भी हो जाएगी मुझ से मोहब्बत पर अभी गुफ़्तुगू का सिलसिला है मेरे उस के दरमियाँ आरज़ू दिल की है 'राग़िब' उम्र भर रौशन रहे जो यक़ीं का इक दिया है मेरे उस के दरमियाँ