इक तो मैं दूसरा अकेला-पन और फिर रात का अकेला-पन रास आने लगी है तन्हाई लुत्फ़ देने लगा अकेला-पन मेरी नाकामियों का बा'इस है ये मिरी ज़ात का अकेला-पन जाएज़ा ले मिरी उदासी का देखता जा मिरा अकेला-पन तुम समझते तो चारागर होते एक बीमार का अकेला-पन दश्त से पहली आश्नाई है रक़्स करने लगा अकेला-पन एक तो दुख शिकस्ता-पाई का उस पे ये राह का अकेला-पन घर की दीवार पर नुमायाँ है घर के अफ़राद का अकेला-पन