फ़ितरत-ए-दिल की मेहरबानी है मैं हूँ या ग़म की तर्जुमानी है ग़म में भी दिल को शादमानी है उन की शफ़क़त है मेहरबानी है हर ख़ुशी जिन पे मैं ने क़ुर्बां की क्यों उन्हें शौक़-ए-जाँ-सितानी है जो भी है दास्तान-ए-अहल-ए-वफ़ा दर्द-ओ-आलाम की कहानी है हम कहाँ क़ाबिल-ए-ग़म-ए-दिल थे इक सितमगर की मेहरबानी है दिल का रोना है और कुछ भी नहीं हाए क्या चीज़ ये जवानी है सोज़ ग़म दर्द रंज हिज्र मलाल दिल पे किस किस की मेहरबानी है किस क़दर है अजीब सूरत-ए-हाल ग़म है दिल को न शादमानी है ख़ामुशी में है लुत्फ़-ए-गोयाई ये भी इक शान-ए-बे-ज़बानी है एक मौहूम सी तमन्ना की दिल की दुनिया पे हुक्मरानी है मुझ से मिलते हो बे-नियाज़ाना ये भी अंदाज़-ए-दिल-सितानी है दाग़ दिल का कहीं न मिट जाए ये तुम्हारी ही इक निशानी है ऐ मोहब्बत ये क्या किया तू ने बद-गुमानी ही बद-गुमानी है ज़िंदगी भर फ़रेब खाए हैं दोस्तों की ये मेहरबानी है हम सर-ए-राह लुट गए यकसर रहबरों की ये मेहरबानी है ऐ 'कँवल' इंतिहा-ए-शौक़ न पूछ रात-दिन शग़्ल-ए-नग़्मा-ख़्वानी है