फूल हैं हम बहार हैं हम लोग ख़ुशनुमा ख़ुश-गवार हैं हम लोग शाइ'र-ए-दिल-फ़िगार हैं हम लोग फ़ितरतन शो'ला-बार हैं हम लोग मूँद कर आँखें खोल देते हैं ग़ाफ़िल-ओ-होशियार हैं हम लोग हम से क्या पूछते हो हाल-ए-दिल दास्तान-ए-हज़ार हैं हम लोग ज़ीनत-ए-अंजुमन अगर हैं आप रौनक़-ए-बज़्म-ए-यार हैं हम लोग ख़ूब अच्छी तरह समझ लीजे वक़्त की इक पुकार हैं हम लोग या तिरी याद दिल में रहती है या तग़ाफ़ुल-शिआ'र हैं हम लोग या हैं अपने वतन में ऐ 'हमदम' या ग़रीब-उद-दयार हैं हम लोग