गाह बिस्मिल हूँ गहे तकबीर हूँ अपनी मैं तदबीर का तक़दीर हूँ मेरे दम से है जुनूँ की आबरू पासबान-ए-ख़ाना-ए-ज़ंजीर हूँ बे-रुख़ी पर है कमाँ तक़दीर की गो सरापा नावक-ए-तदबीर हूँ दुश्मनों के हूँ ज़रर का सरनविश्त दोस्तों के नफ़अ' की तक़रीर हूँ है ख़राबी रख़्ना-अंदाज़-ए-बिना क़स्र-ए-बर्बादी का मैं ता'मीर हूँ क़द तवाज़ो' में है ख़म मिस्ल-ए-कमाँ रास्त-कारी में मिसाल-ए-तीर हूँ मैं हूँ इक नक़्क़ाश शाइर ऐ 'वक़ार' खींचता अशआ'र की तस्वीर हूँ