गर्दिश-ए-चश्म जुदा गर्दिश-ए-पैमाना जुदा मस्ती-ए-बादा जुदा आलम-ए-मस्ताना जुदा लुत्फ़-ए-महफ़िल नहीं साक़ी के चले जाने से मय से शीशा है जुदा शीशे से पैमाना जुदा एक ही नूर से मामूर ये दोनों घर हैं न तो का'बा है जुदा और न बुत-ख़ाना जुदा दिल तिरी नज़्र तो सर है तिरी शमशीर की नज़्र तेरा नज़राना जुदा तेग़ का नज़राना जुदा ज़ाहिदा 'जौहर'-ए-मय-कश से तुझे क्या निस्बत तेरा पैमाना जुदा उस का है पैमाना जुदा