गो ब-ज़ाहिर ख़राब हैं हम लोग बातिनन ला-जवाब हैं हम लोग रश्क-ए-सद आफ़्ताब हैं हम लोग दहर में इंतिख़ाब हैं हम लोग पढ़ सके तो कोई हमें पढ़ ले इक मुकम्मल किताब हैं हम लोग क्या ज़रूरत है आज़माने की आप अपना जवाब हैं हम लोग साफ़-गोई हमारी आदत है तुम न समझो ख़राब हैं हम लोग पा गए फ़त्ह ज़िंदगानी पर अब कहाँ महव-ए-ख़्वाब हैं हम लोग क्यों न मख़मूर हो जहाँ 'साक़ी' कैफ़-आवर शराब हैं हम लोग