गुज़रे हैं तेरे साथ जो दिन-रात अभी तक आँखों में बसे हैं वही लम्हात अभी तक कुछ इश्क़ की लज़्ज़त भी है कुछ सोज़िश-ए-दिल भी ताज़ा हैं मिरे दिल में ये सौग़ात अभी तक करती हूँ कभी जब तिरी तस्वीर से बातें क्यूँ आँख से होती है ये बरसात अभी तक वो तेरा तबस्सुम वो मोहब्बत भरी नज़रें रक़्साँ है लहू में तिरी हर बात अभी तक रहने नहीं देता मुझे तन्हा वो तसव्वुर ज़िंदा है मिरे दिल में तिरी ज़ात अभी तक तू नक़्श है दिल पर मिरे तस्वीर की सूरत बदले ही नहीं हैं मिरे हालात अभी तक