है जब तक दश्त-पैमाई सलामत रहेगी आबला-पाई सलामत रहे जब तक ये बीनाई सलामत हमारी ख़ामा-फ़रसाई सलामत बहुत सँवरेंगे संग ओ सर के रिश्ते जुनूँ की कार-फ़रमाई सलामत बहुत हैरान हैं आईना-ख़ाने तिरे क़ामत की ज़ेबाई सलामत सभी हाथों में ले कर संग आए ख़िरद की जल्वा-आराई सलामत बहुत देखे बहार-आमेज़ मंज़र तिरी यादों की रानाई सलामत हिजाब उस ने किया आसूदा-ए-ग़म ये अंदाज़-ए-मसीहाई सलामत